C-DAC "THE SUPER COMPUTING PEOPLE"

Centre for Development of Advanced Computing ( C-DAC ) ,established in March 1988, is primarily an R&D institution involved in the design, development and deployment of electronics and advanced Information Technology products and solutions. Constituting the largest R&D Lab in the Department of Information Technology ( DIT ), Ministry of Communications and Information Technology ( MCIT ), Government of India. It was originally setup to bring out High Performance Computing and Communications (HPCC) solutions to the scientific community through the parallel processing route.

Apart from HPC, C-DAC is into core R&D areas like Grid Computing, Real Time Systems and Embedded Electronics, Broadband and Wireless Networking, Multimedia Computing, Advanced Computing Training School (ACTS) and Software Technologies.

Thursday, March 31, 2011

प्रमाण-पत्र

पत्नी बोली आकर पति से,
श्रीमान जी,इधर तो आओ,...
प्रेम बस मुझे करते हो,
प्रमाण-पत्र दिखलाओ...

पति ने कहा, हे प्राण-प्रिये...
ये कैसी बात है बचकानी,
प्रेम बंधन है जनम-जनम का,
इसमे कैसी बेईमानी,...

रूप बदल बोली वो आकर,
हमको मत समझाओ,
करके मीठी बाते हमसे,
हमको मत बहलाओ....

आज पडौ़स के शर्माजी की,
हुई है बडी़ पिटाई,
प्रेम किया पडौ़सन से,
शादी कहीं और रचाई...

जो भी हो तुम आज,
नगर-पालिका जाओ,
मेरे प्रिय प्रेम की खातिर,
प्रमाण-पत्र बनवाओ...

पत्नी-भक्त पतिदेव जी,
चले नगर-पालिका के दफ़्तर,
देख प्रार्थना-पत्र,
हँस दिये सारे अफ़सर...

जन्म-मरण का प्रमाण-पत्र,
सब कोई बनवाये,
प्रेम-प्रमाण-पत्र बनवाने,
पहले मूरख तुम आये...

फ़िर भी चलो नाम बतलाओ,
मेज़ के नीचे से नग़दी सरकाओ,

प्रमाण-पत्र कोई हो,
बन ही जाते है,
इसीलिए तो मट्रिक पास,
प्रोफ़ेसर बन जाते है,...

देख बहुत हैरान हुए वो,
आये मुँह लटकाकर,
बोले प्रिये नही प्रमाण है,
सुन लो कान लगाकर...

सब कुछ बिकता है दुनिया में,
प्रेम ना खरीदा जाये,
जो पाले इस धन को,
वो प्रमाण-पत्र क्यूँ बनवाये...

Wednesday, March 16, 2011

Sarfaroshi Ki Tamanna

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए कातिल में है

वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां

हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है

ओ रे बिस्मिल काश आते आज तुम हिन्दोस्तां

देखते कि मुल्क सारा यूँ टशन में, थ्रिल में है

आज का लड़का तो कहता हम तो बिस्मिल थक गए

अपनी आज़ादी तो भैया लौंडिया के तिल में है

आज के जलसों में बिस्मिल एक गूंगा गा रहा

और बहरों का वो रेला नाचता महफ़िल में है

हाथ की खादी बनाने का ज़माना लद गया

आज तो चड्डी भी सिलती इंग्लिसों की मिल में है

वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां

हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए क़ातिल में है